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Deputy CM अजित पवार को लगा बड़ा झटका, 5 विधायक बैठक में नहीं हुए शामिल

Shantanu Roy
6 Jun 2024 4:54 PM GMT
Deputy CM अजित पवार को लगा बड़ा झटका, 5 विधायक बैठक में नहीं हुए शामिल
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Maharashtra. महाराष्ट्र। महाराष्ट्र में एक बार फिर सियासी उथल-पुथल की आहट तेज हो गई है। खबर है कि उप मुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार की मीटिंग में उनकी पार्टी के पांच विधायक नहीं पहुंचे हैं। लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद अजित पवार ने मुंबई के ट्राइडेंट होटल में गुरुवार को एक बैठक बुलाई थी लेकिन उसमें पांच MLA नदारद रहे। इससे पहले चर्चा थी कि जूनियर पवार गुट के करीब 15 विधायक सीनियर पवार यानी शरद पवार के संपर्क में हैं। ऐसा नाटकीय मोड़ लोकसभा चुनावों में जनता द्वारा अजित पवार गुट को ठुकराए जाने के बाद आया है। ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द ही एक बार फिर चाचा-भतीजे के बीच सियासी खींचतान और जंग गहरा सकती है और अजित पवार गुट से विधायकों के शरद पवार गुट में जाने का सिलसिला शुरू हो सकता है। हालांकि, इस आवाजही पर राज्य की एकनाथ शिंदे सरकार पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है।

इस बीच, उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने लोकसभा चुनावों में अपनी पार्टी एनसीपी के खराब प्रदर्शन के बाद अपने विधायकों की बैठक की। एनसीपी को सिर्फ एक सीट (रायगढ़) पर जीत मिली है, जबकि बारामती में वह प्रतिष्ठा की लड़ाई हार गई, जहां अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को उनकी बहन और एनसीपी (शरद गट) की मौजूदा सांसद सुप्रिया सुले से हार का सामना करना पड़ा। बैठक में एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजित पवार, पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और राज्य इकाई के प्रमुख और रायगढ़ सीट से चुनाव जीतने वाले सुनील तटकरे मौजूद थे। सूत्रों ने बताया कि पार्टी के 41 विधायकों में से पांच अनुपस्थित थे। एक नेता ने बताया कि विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल विदेश में हैं, जबकि अन्य अस्वस्थ हैं। सूत्रों ने बताया कि नेताओं और विधायकों ने मौजूदा राजनीतिक स्थिति के साथ-साथ राज्य की उन चार लोकसभा सीटों पर प्रदर्शन पर भी चर्चा की, जिनपर पार्टी ने चुनाव लड़ा था।

बता दें कि लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र की 48 सीटों में से 30 पर विपक्षी महाविकास अघाड़ी की जीत हुई है, जबकि एनडीए को सिर्फ 17 सीटें मिली हैं। एक सीट पर निर्दलीय ने जीत दर्ज की है। इंडिया अलायंस के साथियों में कांग्रेस ने 13, उद्धव ठाकरे की शिव सेना ने 9 और शरद पवार की एनसीपी ने 8 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि एनडीए में बीजेपी ने 9, सीएम एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 7 और अजित पवार की एनसीपी ने सिर्फ एक सीट पर जीत दर्ज की है। दरअसल, इस साल महाराष्ट्र में विधान सभा चुनाव होने हैं। लिहाजा, अजित पवार के गुट का लोकसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन ना केवल अजित पवार के लिए बल्कि उन विधायकों के लिए भी चिंता का सबब बन गया है जो अजित गुट के तहत विधानसभा चुनाव लड़ना चाह रहे थे। ऐसे में शरद पवार खेमे में लौटना कोई बड़ी बात नहीं होगी क्योंकि शरद पवार गुट की सफलता को माना जा रहा है कि महाराष्ट्र की जनता ने शरद पवार गुट को ही असली एनसीपी माना है।
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